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सुगंध लुटाते, मुस्कुराते, लुभाते,
बलखाते, बहुरंग बिखेरे,
खिलते हैं यहाँ सुमन बहुतेरे,
नर्म-नर्म गुनगुने धूप में
जीवन के यौवन-वसंत में ।
पर तन जलाती, चिलचिलाती धूप में,
जीवन के वृद्ध-जेठ में
‘सखी’ खिलूँगा मैं बनकर ‘गुलमोहर’
तुम्हारे लिए शीतल छाँव किए।
गेंदा, गुलदाउदी, गुलाब होंगें ढेर सारे
दिन के उजियारे में, संग तुम्हारे ।
होगी बेली, चमेली, रजनीगंधा भी
रात के अँधियारे में।
पर जीवन की भादो वाली
मुश्किल भरी अंधेरी रातों में
पूरी रात, रात भर....सुबह होने तक
रहूँगा संग-संग तुम्हारे,
झर-झर कर, लुट-लुट कर,
‘सखी’ ‘हरसिंगार’ की तरह,
पूर्ण आत्मसमर्पण किए हुए
हाँ सखी .... आत्मसमर्पण किए हुए
बहुत खूबसूरत ...आत्मसमर्पण परिभाषित करती... वाहह्ह्ह... अति सराहनीय सृजन..।👌👌
जवाब देंहटाएंआप जैसी स्थापित रचनाकार द्वारा मेरी रचना के लिए आपके सराहना के दो बोल की ख़ातिर मन से धन्यवाद आपका ..
हटाएंवाह बेहतरीन
जवाब देंहटाएंहार्दिक धन्यवाद उत्साहवर्द्धन के लिए।
हटाएंवाह!!बहुत खूबसूरत अभिव्यक्ति!!
जवाब देंहटाएंअभिव्यक्ति की सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद शुभा जी !
हटाएंवाह बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंभावाभिव्यक्ति की प्रसंशा के लिए हार्दिक धन्यवाद !
हटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" मंगलवार मई 07 2019 को साझा की गई है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंमन से नमस्कार आपको !! मेरी रचना को आज अपने इस अंक में शामिल करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद आपका !
हटाएंबहुत खूब ,बेहतरीन प्रस्तुति ,सादर नमस्कार
जवाब देंहटाएंनमस्कार कामिनी जी ! आपके द्वारा की गई अनमोल सराहना के लिए हार्दिक धन्यवाद !
हटाएंबहुत सुंदर अभिव्यक्ति 👏 👏 👏
जवाब देंहटाएंअभिव्यक्ति को समझ कर उत्साहवर्द्धन के लिए हार्दिक आभार !!!
हटाएंबेहतरीन रचना
जवाब देंहटाएंरचना को विशेषण (बेहतरीन) प्रदान करने के लिए हार्दिक धन्यवाद अभिलाषा जी !!
हटाएंबहुत ही सुन्दर...
जवाब देंहटाएंमुश्किल भरी अंधेरी रातों में
पूरी रात, रात भर....सुबह होने तक
रहूँगा संग-संग तुम्हारे,
बेहतरीन रचना
अवलोकन और एक अनमोल विशेषण के लिए हार्दिक धन्यवाद सुधा जी !
हटाएंप्रेम के लिए सर्वस्व समर्पण आतुर मन के अत्यंत स्नेहिल उद्गार आदरणीय सुबोध जी | आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आई अच्छा लगा | हार्दिक शुभकामनायें |
जवाब देंहटाएंरेणु जी आपका पहली बार मेरे ब्लॉग पर आने और मेरे उत्साहवर्द्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद !! आप सदैव आएं , कोशिश रहेगी कि आपको निराशा ना हो।
हटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति
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